The smart Trick of best hindi story That Nobody is Discussing
The smart Trick of best hindi story That Nobody is Discussing
Blog Article
(एक) खजूर के वृक्षों की छोटी-सी छाया उस कड़ाके की धूप में मानो सिकुड़ कर अपने-आपमें, या पेड़ के पैरों तले, छिपी जा रही है। अपनी उत्तप्त साँस से छटपटाते हुए वातावरण से दो-चार केना के फूलों की आभा एक तरलता, एक चिकनेपन का भ्रम उत्पन्न कर रही है, यद्यपि अज्ञेय
ऐसा कभी नहीं हुआ था... धर्मराज लाखों वर्षों से असंख्य आदमियों को कर्म और सिफ़ारिश के आधार पर स्वर्ग या नर्क में निवास-स्थान 'अलॉट' करते आ रहे थे। पर ऐसा कभी नहीं हुआ था। सामने बैठे चित्रगुप्त बार-बार चश्मा पोंछ, बार-बार थूक से पन्ने पलट, रजिस्टर हरिशंकर परसाई
मधुसूदन आनंद की 'करौंदे का पेड़', 'टिड्डा' और 'मिन्नी', संजय खाती की 'पिंटी का साबुन', पंकज बिष्ट की 'बच्चे गवाह नहीं हो सकते', भैरव प्रसाद गुप्त की 'मृत्यु' दैली अद्भुत कहानी.
मोती ने गाय को गले लगा लिया, बचाने के लिए धन्यवाद कहा।
सबसे अच्छा घर – The Best Household Of All Hindi – A book that may encourage and educate long run architects about various types of homes and what different types of houses are suited for a selected put.
The narrative weaves together the life of numerous people, reflecting the exclusive tapestry of Varanasi, with the ghats alongside the Ganges for the slim lanes pulsating with the city’s history. Using a combination of humour, satire, and social commentary, Kashi Ka Assi
आज सुरसिंह को अकेला देख सियार का झुंड टूट पड़ा। आज सियार को बड़ा शिकार मिला था।
Graphic: Courtesy Amazon Prepared by Agyeya, the pen name of Satchidananda Hirananda Vatsyayan, this Hindi fiction guide was at first revealed in 1940. The novel can be a pioneering get the job done and is considered a landmark in Hindi literature. Agyeya, an influential figure during the Chhayavaad movement, brings to existence the tumultuous journey in the protagonist, Shekhar, through several phases of his everyday living. The novel explores Shekhar’s evolution from a carefree and idealistic youth to your mature personal grappling Along with the complexities of lifetime.
कालिया ने अपने दोस्तों को भी परेशान किया हुआ था।
एक झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों प्रेमचंद
चिंटू काफी मशक्कत करता है फिर भी वह बाहर नहीं निकल पाता।
They are poles aside, Manu is headstrong but naive, and Rishi is disobedient and stubborn, but pretends to be an introvert in front of Manu. In the event the riots broke of their city, Rishi vowed to keep Manu and her spouse and children Safe and sound, but that arrived by using a Expense. He had to turn violent himself read more and turn into a Element of the riots, resulting in merciless killings, looting, robbing, and raiding. A doc of your instances that it absolutely was, it is a story regarding the victory of affection in turbulent occasions.
कहानी के जोबन का उभार और बोल-चाल की दुलहिन का सिंगार किसी देश में किसी राजा के घर एक बेटा था। उसे उसके माँ-बाप और सब घर के लोग कुँवर उदैभान करके पुकारते थे। सचमुच उसके जीवन की जोत में सूरज की एक सोत आ मिली थी। उसका अच्छापन और भला लगना कुछ ऐसा न था जो इंशा अल्ला ख़ाँ
लेकिन ख़ुद सोचें कि क्या इसी कहानी में यह वाक्य कमतर था :